है इंतेज़ार है इंतेज़ार मुझे उस पल का, होगा सच, मिटा जूठ जब कल का। गौरों अंग्रेजों की गुलामी छूट जाएगी, मां भारती से प्रेम होगा हर जन का। है इंतेज़ार है इंतेज़ार ..... जब माह महीने की धारा ही बदल जाएगी, पुनः भारतीय संस्कृति जब रंग लाएगी। प्रत्येक भारतीय जब निष्ठा सुमन होगा, वो पवित्र पल होगा आचमन का। है इंतेज़ार है इंतेज़ार ...... बेटी बहु मां पत्नी जब सुरक्षित हो जाएगी, सनातन की उज्ज्वल धारा पंडित बहती आएगी। मस्तक तिलक, शीश शिखा, मधुर आचरण होगा, वो उत्तम भारत होगा मेरे प्रण का। है इंतेज़ार है इंतेज़ार .... #intezaar #somnathpushkarna #laghimapushkarna