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भटक जाता हूँ कभी इन राहों में , याद आते ही तेरी मु

भटक जाता हूँ कभी इन राहों में ,
याद आते ही तेरी मुझे रास्ते मिल जाते है...

जब सिमट जाती है तू इन बाहों में ,
मुझे फिर से जिंदगी के वास्ते मिल जाते है...

        ... @ The Poet..😊😊 ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●

कहने का अर्थ है कि जब भी जिंदगी सुनसान रहने पर मजबूर करती है , तब किसी के आ जाने से ये अकेलापन गायब हो जाता है....

फिर कभी उसके बस प्यार से एक बार गले लगने पर ऐसा लगता है कि दुनिया भर की खुशी मिल गयी और जीने की इच्छा होने लगती है....😊😊

धन्यबाद...🙏🙏
भटक जाता हूँ कभी इन राहों में ,
याद आते ही तेरी मुझे रास्ते मिल जाते है...

जब सिमट जाती है तू इन बाहों में ,
मुझे फिर से जिंदगी के वास्ते मिल जाते है...

        ... @ The Poet..😊😊 ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●

कहने का अर्थ है कि जब भी जिंदगी सुनसान रहने पर मजबूर करती है , तब किसी के आ जाने से ये अकेलापन गायब हो जाता है....

फिर कभी उसके बस प्यार से एक बार गले लगने पर ऐसा लगता है कि दुनिया भर की खुशी मिल गयी और जीने की इच्छा होने लगती है....😊😊

धन्यबाद...🙏🙏