कल की ही बात थी जब जीवन से धधकती ये सास थी जब कदम चलते नहीं थकते थे जब बाते पुरी होकर भी अधुरी रह जाती थी जब जुबान पे नए ज़ायको का स्वाद भर ही भुक दुगनी कर जाता था और आज की बात ये है कि इस जीवन से धधकती आग ने सब राख कर दिया, हर हन्सी को सननाटे ने शान्त कर दिया और कल के जिन्दा से आज के मुर्दे का फ़ासला तय कर दिया! ! -मन से!! जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च | तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि || -गीता Life is a Circle....Life Starts Where Death Ends.. Death is certain for one who has been born, and rebirth is inevitable for one who has died. Therefore, you should not lament over the inevitable. #writersofinstagram #kavita #chandigarh #delhi #mumbai #banglore #india #kavi