'नारी' की चीखें, मरने से पहले लूटी जाती है और बाद भी। सांत्वना देने के चक्कर में.... 'सियासत' ने लूटी हूई 'अस्मत' को फिर से लूटी आज भी। आंखें देख रही है... 'अपराधों' में 'जातियां' कितना अंतर पैदा करती हैं आज भी! हम खुद की 'मर्यादाएं' लुटा रहे हैं 'झूठ' में भी और 'सांच' में भी! ~~शिवानन्द #नारी #अस्मत #अपराध #सियासत #जात_पात