बातें तो बहुत थी मगर समझ न आया, कहें क्या और क्या नहीं!, बुझ न पाया, हर बात धीरे-धीरे बस तकरार बनती गई, प्यार कम न हुआ बस रार बढ़ती गई.. गलतियाँ सारी मेरी, ये मानता हूँ, मान लिया कि इश्क़ करना मैं न जानता हूँ, अब कहुँ भी तो क्या!, रात है वो भी अमावस्या की, चलता हूँ मैं! अब न सह सकूंगा भार, तेरे तपस्या की.. बातें तो बहुत थीं... #बातेंबहुतथीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #vineetvicky #novemberdiary22 #ushum #wff