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मैं बशर गवाह रहा हूँ हयात की क़दीम रवानियों का वक़्त

मैं बशर गवाह रहा हूँ हयात की क़दीम रवानियों का
वक़्त की टिक टिकाती सुई और उसकी तन्हाइयों का

कभी रहा मैं दरख़्त सा मजबूत जमीन पर
कभी रहा मैं हिस्सा ख़ूबसूरत धरा की रानाइयों का

उस्तुवार इमारतों को खँडहर होते देखा है मैंने
जिनको था ग़ुरूर अपनी पुरखों की कहानियों का

खियाबाँ दिल की जमीं को बयाबाँ होते देखा है मैंने
मैं था तब भी मौजूद जब था सैलाब अज़िय्यतों का

'सफ़र' ज़ीस्त का मेरा कई दहर से होकर गुज़रा है 
कभी सफ़र था क़ाफ़िला कभी रहा 'सफ़र' तन्हाइयों का क़दीम- प्राचीन
 रानाइयों- ख़ूबसूरती
उस्तुवार- strong
खियाबाँ- बाग़
 बयाबाँ- जंगल
अज़िय्यतों- troubles
दहर- युग
मैं बशर गवाह रहा हूँ हयात की क़दीम रवानियों का
वक़्त की टिक टिकाती सुई और उसकी तन्हाइयों का

कभी रहा मैं दरख़्त सा मजबूत जमीन पर
कभी रहा मैं हिस्सा ख़ूबसूरत धरा की रानाइयों का

उस्तुवार इमारतों को खँडहर होते देखा है मैंने
जिनको था ग़ुरूर अपनी पुरखों की कहानियों का

खियाबाँ दिल की जमीं को बयाबाँ होते देखा है मैंने
मैं था तब भी मौजूद जब था सैलाब अज़िय्यतों का

'सफ़र' ज़ीस्त का मेरा कई दहर से होकर गुज़रा है 
कभी सफ़र था क़ाफ़िला कभी रहा 'सफ़र' तन्हाइयों का क़दीम- प्राचीन
 रानाइयों- ख़ूबसूरती
उस्तुवार- strong
खियाबाँ- बाग़
 बयाबाँ- जंगल
अज़िय्यतों- troubles
दहर- युग