Joy in 5 Words New Life New Birth नया जन्म मसीह में पाना बड़ा ही है लाज़मी ये जिस्म लहू से नहीं रूह से पैदा हो आदमी हवा की तरह होता है सारा ही वजूद इसका सीधा ताल्लक होता खुदा से ही बस इसका इसकी हस्ती बदी वाली यूं मिटती हैै पुरानी चाहे ये जवान हो चाहे हो फिर बूढ़ा ही ये इस दस्तूर से गुजरना ही होगा यूं देखो इसे फिर पनपेगा बन कर ये एक नई नवेली डाली ऐसा ही स्वर्ग के बादशाहत में दाखिल होता ना जन्म लेने वाला एक रोज पर फूट फूट रोता ऐसी है देखो नए जीवन की मसीह में कहानी #joy