तू जा रही है ससुराल, वहां जाकर रोना मत,, हंसती हुई बड़ी प्यारी लगती है, अपनी चेहक को कहीं खोना मत,, तू जा रही......, वहां जाकर रोना मत। और सुन वह तेरा ससुराल है मायका नहीं, टाइम पर उठ जाना, ज्यादा दिन चढ़े तक सोना मत, तू जा रही......, वहां जाकर रोना मत। घर के बड़े कुछ बोले,तो सुन लेना, छोटी-छोटी बातों पर गुस्से से मुंह फुलौना मत, तू जा रही......., वहां जाकर रोना मत। मेरी लाडो......... हजार कमियां है तुझ में, हमें कभी नजर ना आई, हो सकता है, वहां किसी को नजर आ जाए। इसलिए खुद को सही साबित करने में, किसी को झूठलोना मत, अपने आत्मसम्मान को कभी खोना मत, तू जा रही......., वहां जाकर रोना मत। थोड़ी बहुत दुख तकलीफ,चलती रहती है जिंदगी में,, जरा से सर दर्द को,पालने में रखकर, झूलोना मत। तू जा रही........., वहां जाकर रोना मत। जैसे यह घर तेरा है, वैसे अब वह घर भी तेरा है, जैसे हम तेरे अपने हैं,वैसे अब वह भी तेरे अपने हैं,, इसलिए डरना मत और मायूस होना मत, तू जा रही........., वहां जाकर रोना मत। वह तेरी आदत है ना,छोटी-छोटी बातों पर मोटे-मोटे आंसू निकालना, बिना बात के बैठकर गंगा जमुना बहाना, यह सब यहीं छोड़ कर जाना, वहां जाकर तकिए को आंसुओं से भिगोना मत, तू जा रही........, वहां जाकर रोना मत। बड़े संस्कारों से परवरिश की है, एक पिता ने अपनी बेटी की, उंगली मुझ पर उठे,ऐसे बीच कभी बोना मत, तू जा रही........., वहां जाकर रोना मत। खुश रहना और सब को खुश रखना, एक अच्छी बेटी का फर्ज बखूबी निभाया है तूने, अब उस घर के मान सम्मान को कभी डुबोना मत, तू जा रही है ससुराल,वहां जाकर रोना मत। ©nik jat #chopal