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वो बचपन की उन्मुक्तता वो संग तुम्हारे खेलना दिन रा

वो बचपन की उन्मुक्तता
वो संग तुम्हारे खेलना
दिन रात का तब साथ वो
हँसी ठिठोली खेल वो
स्वच्छंद बचपन की नादानियों से
कितने आह्लादित हुए तब सबके मन
अब कनखियों से देखते हैं सब
तो लगता है
क्यूँ हुई ये तब्दीलियाँ
ये क्या हुआ आखिर हमें
यूँ हो गए क्यूँ हम बड़े
ये एहसास क्यूँ पनप गए
08.01.1998 #पुरानी_डायरी #बचपन #yqbaba #yqdidi
वो बचपन की उन्मुक्तता
वो संग तुम्हारे खेलना
दिन रात का तब साथ वो
हँसी ठिठोली खेल वो
स्वच्छंद बचपन की नादानियों से
कितने आह्लादित हुए तब सबके मन
अब कनखियों से देखते हैं सब
तो लगता है
क्यूँ हुई ये तब्दीलियाँ
ये क्या हुआ आखिर हमें
यूँ हो गए क्यूँ हम बड़े
ये एहसास क्यूँ पनप गए
08.01.1998 #पुरानी_डायरी #बचपन #yqbaba #yqdidi
gautamanand4109

Gautam_Anand

Bronze Star
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