क्या हुस्न ने जाना, क्या इश्क़ ने पहचाना है, नाज़ुक सी निगाहों में क़ैद, सारा ज़माना है। क्या हम पर गुजरती है, कहाँ तुमने जाना है, बोल कर अपनी बेबसी, तुमको ना रुलाना है। मुझको तुम्हारी धुन में हर लम्हा बिताना है, मासूम सी मेरी मोहब्बत का, मासूम फ़साना है। आगाज - ए - मोहब्बत तुमसे, तू ही ठिकाना है, तुझ बिन दिल ना लगे, है हकीक़त, ना बहाना है। तेरे संगमरमर से बदन पर होंठो का नज़राना है, एक आग का दरिया है और डूब कर जाना है। एक तेरा ही तसव्वुर हो, 'कुमार' ने ठाना है, तुझे ही बस देखना, तुझे ही ख़ुद को दिखाना है। #kumaarsthought #kumaarromance #kumaarlove #kumaarwrites2022 #एहसासऔरतुम #ishq