मिशाल भी जलती हुई मशाल भी तिमिर का पूर्ण विनाश इसलिय नारी है इतनी खास समर्पण भी देवी रूपी दर्पण भी मानवता का नव निर्माण इसलिय नारी है इतनी खास उत्साह भी मंगलमय मांगलिक उत्सव भी बनी रिश्तो का आधार इसलिय नारी है इतनी खास शक्ति भी श्रद्धा आस्था विश्वास भी पत्थरो में भी पूजते आज इसलिय नारी है इतनी खास साक्षी जैन #स्व लिखित