#OpenPoetry रात जागने वाला हर शख्स आशिक नहीं होता जिम्मेदारी उठाने वाला हर कोई बालिग नहीं होता यहां हर किसी के दिल में बेशुमार दर्द भरा हैं पर हर किसी के सामने ये दर्द जाहिर नहीं होता इस जमाने में झूठ का दौर इस तरह से चल रहा हैं यहां सच बोलने वाला सौदा करने में माहिर नहीं होता वो पढ़ा-लिखा कम तो क्या, उसमें होशियारी बहुत हैं अब आज के जमाने में कोई भी जाहिल नहीं होता अदालत तो आँख में पट्टी बांधकर सुना देती हैं फैसला पर हर बेगुनाह होने वाला बेगुनाहीं के काबिल नहीं होता © आंजनेय अंजुल #आंजनेय_अंजुल #OpenPoetryChallenge #OpenPoetry #NojotoNews #NojotoHindi