लूटना चाहता है हर कोई पोटलियाँ सवाब की । ये क़िस्सा तो अज़ल से भी आला रख्खा है ।। ©️✍️ सतिन्दर रख्खा है लूटना चाहता है हर कोई पोटलियाँ सवाब की । ये क़िस्सा तो अज़ल से भी आला रख्खा है ।। ©️✍️ सतिन्दर आला - ताजा अज़ल- अनादि काल ( इतना प्राचीन समय जिसके आरंभ का अनुमान न लगाया जा सके)