Nojoto: Largest Storytelling Platform

गले की प्यास होंठों से छुपानी आ गई हमें यूँ धूल बा

गले की प्यास होंठों से छुपानी आ गई
हमें यूँ धूल बातों पर उडानी आ गई
भुला डाला जिसे कबका कभी सोचा न था
हमें फिर याद भूली वो कहानी आ गई
कि उछली मौज जज्बों की गया दरिया सहम
गया था जम लहू रग में रवानी आ गई
किया उर्दू उसे खुद रोशनाई बन गए
कि गजलों में मिरी जबसे जवानी आ गई
गया सीने मिरे कुछ आज शीशे सा दरक
उभर के चोट ज्यादा यूँ पुरानी आ गई

sspna manglik #shayri#brokenheart#sapnawritesup
गले की प्यास होंठों से छुपानी आ गई
हमें यूँ धूल बातों पर उडानी आ गई
भुला डाला जिसे कबका कभी सोचा न था
हमें फिर याद भूली वो कहानी आ गई
कि उछली मौज जज्बों की गया दरिया सहम
गया था जम लहू रग में रवानी आ गई
किया उर्दू उसे खुद रोशनाई बन गए
कि गजलों में मिरी जबसे जवानी आ गई
गया सीने मिरे कुछ आज शीशे सा दरक
उभर के चोट ज्यादा यूँ पुरानी आ गई

sspna manglik #shayri#brokenheart#sapnawritesup