नफरत की दीवारों से, मोहब्बत का पानी रिसता रहेगा.... तुझसे न सही तो क्या, तेरी यादों से रिश्ता रहेगा....!! और रहना आज़ाद तुम, मुझे कैद करके..... ये पत्थर तेरी कश्मकश की चक्की में पिसता रहेगा....!!!! अर्पित द्विवेदी. #पत्थरकरदिया #कशमकश_में_फंसे_रहे