पलकें बंद करूँ तो तेरा दीदार होता है। तुम मिल जाओ प्रतिक्षण इंतजार होता है। खुद से बातें कर लेता हूँ जो तुमसे करनी हैं! मिलके तुमसे समझ रहा हूँ क्या प्यार होता है? दुआ करता हूँ तेरी ख़ुशी के लिए आजकल! दुआ करते हुए भी दिल बेक़रार होता है। इश्क़ हवाओं में हुश्न की महक बहने लगी। ख़्वाहिशों की ज़द में दिल जार जार होता है। तुम ही तुम नज़र आते हो मुझे कुछ और नहीं। पंछी' हरियाली के अंधे को जैसे ऐतवार होता है। #kkकाव्यमिलन #कोराकाग़ज़काव्यमिलन #काव्यमिलन_1 #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #पाठकपुराण