कभी कभी अंजान बना बैठा रहता हूँ, गुमसुम मासूम बना बैठा रहता हूँ, कुछ भी करने को दिल नही करता, बेबस बेचैन सा हुए बैठा रहता हूँ, आता है फिर सन्देशा जब मेरे सतगुरु का भागा चला जाता हूँ, मिलकर मेरे सतगुरु से में मुस्कुराता वापिस हुआ आता हूँ, खाली झोली ले जाता हूँ, ख़ुशियों की भरकर लाता हूँ, मेरे सतगुरु दीनदयाल तेरे दर से कभी खाली हाथ नही जाता हूँ।। #सतगुरु #satguru #yqbaba #yqdidi #yqpaaji