फ़िर एक ख़्वाहिश( पापा) (श्रद्धांजली) बीत रहा समय जैसे जैसे याद आपकी कम न हुई, रहेगें साथ हमेशा हमारे, दिल में,ये दो चार दिन की बात नहीं गुलज़ार था घर हमारा हर ख़ुशी से, जब साथ आपका हुआ करता था छा गया गमों का साया, जब हमारे सिर से आपका साया जुदा हुआ, काश होता कोई दस्तूर ईश्वर का ऐसा जब हम आपको याद करते आप हमसे मिलने आ जाते पापा, थक गई अब आपकी बेटी पापा जिन्दगी से थाम लो फिर से उंगली हमारी पापा, आज हमारे पापा की पुण्यतिथि है इस दिन हमारे पापा का साया हमसे जुदा हुआ, सफ़र तन्हा लम्बी जिन्दगी छोटी सी उम्र में संघर्षों से सामना कर रहीं हम,बिखर गया परिवार हमारा आज के दिन नहीं भूलती वो काली रात 25 दिसम्बर की मानों जिन्दगी का हमारी रास्ता खो गया। परिवार पर हमारे जब टूटा पहाड़ दुःखों का। कैसे करें हम बयां अल्फाज़ नहीं उन्हीं जख्मों से आज भी हम गुजर रही। एक भाव-भीनी श्रद्धांजली हम अपने पापा को देती है। भगवान जी हमारे पापा की आत्मा को शांति देना वो जहाँ भी हो हम पर उनका आशीर्वाद बनाये रखना।🙏🏻😔 पापा आपकी बहुत याद आती है नहीं कर सकती तकलीफ बयां किसी से एक बार सपनों में सही लौट आओ पापा 😔🙏🏻