दर्द उतना ही देना मालिक जितना सह सकूं अपनी भावना की धारा में बह सकूं हो सके तो विरक्त बना देना हर पल सम हो ऐसा सशक्त बना देना जो माटी के लिए बहे ऐसा रक्त बना देना वैराग्य दे कर जीवन मुक्त बना देना अपनी पावन भक्ति से युक्त बना देना हर तरह से संशय मुक्त बना देना वेदों में इंगित सूक्त बना देना सांसे इतनी ही देना जब तक स्वतंत्र रह सकूं लव्ज़ इतने देना कि तुमसे कह सकूं ।। ©रिमझिम prayer #nojotohindi#poetry#poem#prayer#hindi