मशालों की जगह मोमबत्तियों ने ले ली है जनाब......अब कोई निर्भया रोती है तो शहर शमशान सा लगता है..... पर क्या करें..... रिवाज़ बन गया है लाल किले पर भीड़ इकट्ठा करना,और बलात्कार होना अब आम सा लगता है...... कहे रौनक यूं कि - शिकारी बेटियों के ना बख्शे जाएंगे, ये सरहद है हमारी.. यहां से हिंदुस्तान लगता है।। ©goldi yadav (Raunak) #Stoprape गोल्डी#रौनक FighterWorld 0km