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तुम हो हरामी,हो कमीन भी। तुम दुष्ट भी हो,हो विचित्

तुम हो हरामी,हो कमीन भी। तुम दुष्ट भी हो,हो विचित्र भी।
हर इक घड़ी जब विपदा पड़ी, तुम रहे साथ ज्यों साया कोई,
मेरी हर मुश्किलों के दौर में, तुम हमेशा महके बनके इत्र सी।
मुझे समझाकर के सही ग़लत, आगे बढ़ने की नसीहतें ही दी।
तुम नेक दिल हो शैतान भी, तुमसे लड़ूं मैं,तुम्हीं जान भी,
तुम चपल चंचल बालक से हो, तुम ही हो बंधु,तुम 'मित्र' भी।
।। मित्रता दिवस की शुभकामनाएं ।।

©Nitin Sharma NiSn #मित्रता_दिवस 
#मित्रता 
#बचपना 
#Friendship
तुम हो हरामी,हो कमीन भी। तुम दुष्ट भी हो,हो विचित्र भी।
हर इक घड़ी जब विपदा पड़ी, तुम रहे साथ ज्यों साया कोई,
मेरी हर मुश्किलों के दौर में, तुम हमेशा महके बनके इत्र सी।
मुझे समझाकर के सही ग़लत, आगे बढ़ने की नसीहतें ही दी।
तुम नेक दिल हो शैतान भी, तुमसे लड़ूं मैं,तुम्हीं जान भी,
तुम चपल चंचल बालक से हो, तुम ही हो बंधु,तुम 'मित्र' भी।
।। मित्रता दिवस की शुभकामनाएं ।।

©Nitin Sharma NiSn #मित्रता_दिवस 
#मित्रता 
#बचपना 
#Friendship