कम मार्क्स और ज़िन्दगी देवेंद्र धर "देवा" मत डर ऐसे एग्ज़ाम के मार्क्स से , ये एग्जाम आखरी बार नही है आएंगे ज़िन्दगी में अनेकों कठिनाई , ये रिज़ल्ट पहली बार नही है माँ-बाप से मिली है ये ज़िन्दगी , ज़रा सोचना उनके बारे भी ऐ दोस्त मत कर ख़त्म इस ज़िन्दगी को , इसपर तेरा कोई अधिकार नही है मैट्रिक तो है पहली लड़ाई , लड़ाईयाँ कई तेरी अभी बाकी है इण्टर हो गया ट्रेलर फ़िल्म का , पूरी फिल्म तेरी अभी बाकी है मैट्रिक इण्टर तो है सीढ़ी पहली , लक्ष्य साधना तेरा अभी बाकी है इसके मार्क्स से घबराओगे तुम ? पूरी ज़िंदगी तेरी अभी बाकी है फैसला लो तुम ज़िन्दगी का , तु ज़िन्दगी का कोई सरकार नही है मत कर ख़त्म इस ज़िन्दगी को , इसपर तेरा कोई अधिकार नही है मैट्रिक के मार्कशीट की वैल्यू , आज देवा तुम्हे बताएगा मार्कशीट का काला सच , इसका सच्चा रूप तुम्हे दिखायेगा अपना मार्कशीट दिखाओगे , भले ही तुम जिस दफ़्तर में मार्क्स उन्हें दिखेगी नही , डेट ऑफ बर्थ ही उन्हें दिख पाएगा पूरी ज़िंदगी ये मार्कशीट , डेट ऑफ बर्थ चेक में ही काम आएगा कम मार्क्स के आने से , जो ज़िन्दगी ख़त्म कर लेता है असल मे वो तो कायर है , ज़िन्दगी से जो डर जाता है दोस्त और टीचर कहेंगे क्या , घर में कैसे मुँह दिखा पाएगा इन चन्द सवालों से परेशान , बेचारा ज़िन्दगी से खेल जाता है अपने लक्ष्य को छोड़ अधूरा , माँ-बाप को तनहा कर जाता है फेल हुए तो क्या हुआ , अगले एग्जाम में कल तुम पास हो जाओगे ज़िन्दगी गई तो क्या , माँ-बाप को वो खुशी के पल लौटा पाओगे? फिरसे कहता हूँ चोट है ज़िन्दगी का , ईश्वर का कोई वार नही मत कर ख़त्म इस ज़िन्दगी को , इसपर तेरा कोई अधिकार नही मत कर ख़त्म इस ज़िन्दगी को , इसपर तेरा कोई अधिकार नही #NojotoQuote कम मार्क्स