रिश्तों की अहमियत जहाँ खत्म हो जाए, वही नये रिश्ते के एहसास सा भरमाए तुम। भावनाओं को भौतिकता में जहाँ तोला जाए, ऐसी ज़मीं पर भी आसमां से सहाय तुम। रिश्तों की कीमत गणित का अंक बन जाए, अंकों में अमूल्य जज़्बात जगाने आए तुम। सम्पति जहाँ स्नेह का मानक मूल्य हो जाए, प्रेमचन्द की 'निर्मला' की निर्मलता से पर्याय तुम। क्या दूँ तुम्हारे जन्मदिन पे मैं उपहार, प्यारे भाई सा उपहार बन के जीवन में आए तुम। Akshay Dhamecha Happiest birthday to dearest brother, son.... and everything Akshay😊😊 from your tubelight. #akshaydhamecha #birthday #yqbirthday