कैद कर लेते खूबसूरती को काश और काश थोड़ा और वक़्त मिल जाता कैद कर लेते खूबसूरती को ये भोर में पंछियों का चहचहाना मेरे गांव का बरगद का पेड़ पास में कुआं औरतों का सर पे मटकों को उठाना झुंड बना कर सहेलियों से बतियाना वो गांव में एक खण्डर पुराना खूब कैद की मैंने यादे पुरानी वो छतों पर रखी चारपाई वो चूल्हा मेरी नानी की निशानी वो खेत वो बाड़े सब कैद कर लिए मैंने पर कैद करनी रह गई अभी भी यादे पुरानी वो पेड़ो पे झूला खुला आसमाँ बस इतना ही कैद कर पाई लौट आना था वापिस हमको शहर हॉर्न पर हॉर्न दिए जा रहै मामा काश थोड़ा वक्त और होता तो कैद कर लेते लम्हे ये सारे ©Dr Manju Juneja #AdhureVakya#कैदकरलेते#यादे #गांव #झूले #चूल्हा #पूराना #आसमाँ#खण्डर #बरगद