अगर गाँधी जी आज ज़िंदा होते तो मेरे प्रिय भारतवासियों! यह सब कुछ अर्थात मेरे जन्म स्थान और प्रदेश का दुर्भाग्य इस से अधिक क्या हो सकता है कि आज मेरा सिर शर्म से झुक गया होता, यदि यही मेरे जीवनकाल में होता ! कि "आर एस एस-राष्ट्र (अंतरराष्ट्रीय) सर्वनाशी संघ और भाजपा" ने दो गुजरातियों को मूर्ख और हिंसा का मोहरा बना कर लोकतंत्र का और भारतीय संविधान का छल और कपट से हनन कर "संसद भवन" जो लोकतंत्र का मन्दिर और भारतीय नागरिकों के अधिकारों का संरक्षक था, उसी के प्रांगण में लोकतंत्र को दफ़न कर समाधि बना डाली है और वह भी झूठें देशभक्तों के ढोंग के साथ!! अब जो कुछ शेष बचा है उसी राख से चिंगारी बन कर भारतीय जनसमूह ही ऐसे देशद्रोहियों और राजद्रोहियो का स्वाहा कर सकती है!!! ©Mohammed Shamoon #gandhi_ji