अरे क्यों न जागूँ मै रातों को ' याद कर मुस्कुराऊँ भी न उन मुलाकातों को दोहराता हूँ , तुम्हे महसूस कर उन बातों को , भला कैसे रोक लू अपने जज़्बातों को , के अब तो मुश्किल से आती है नींद मुझे , एक शख्स को मेरा न कर सका , ए इश्क़ ज़रा बोल तो शर्म नहीं आती है तुझे । new post #shayri #love