समय के इस भवर में , उलझाया सा रहता हूं, अपने आप में , गुमनाम सा रहता हूं, नहीं हूं रंज में, परेशान सा रहता हूं न चाहत है पानें में, आसक्ति सा रहता हूं। #dipak_maurya,#nojoto,# नयनसी परमार