*✍🏻“सुविचार"* *“14/6/2021” *“सोमवार”* “आत्मविश्वास” और “अहंकार”... “आत्मविश्वास” और “अहंकार” में बहुत बड़ा “अन्तर” है मैं ये कर “सकता” हूं मैं वो भी कर सकता हूं ये “आत्मविश्वास” है केवल मैं ही ये कर “सकता” हूं केवल मैं ही वो भी कर सकता हूं,मैं ही “सर्वश्रेष्ठ” हूं ये है “अहंकार”... अब ये “अहंकार” जो है इसकी “पुकार” बहुत “ऊंची” होती है,लेकिन इसका “प्रहार” सबसे पहले आप ही को “नुकसान” पहुंचाता है, अब इस “अहंकार” का “विलोम” शब्द है “व्यमकार”, अर्थात स्वयं से ऊपर उठकर दूसरों के विषय में “सोचना”,“संसार” के विषय में सोचना, इस “व्यमकार” में सोचिए कि “एक से अनेक” बनीए और “एकता बनाकर” रखिए “मद”(नशे) से स्वयं को “दूर” रखिए,“अहंकार” को स्वयं को दूर रखिए,फिर निश्चित रूप से आप “विकास का कारण” बनेंगे, *🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“14/6/2021”*🌟 🖋️ *“सोमवार”*✨🖊️ #“आत्मविश्वास” #“अहंकार”