Alcohol पत्थर vs मिट्टी,,,, रात से परेशां हूँ,,,,,। पत्थर की एक छोटी सी कलाकारी मूरत रूप लिये बहुत खूबसूरत लग रही थी,,, लोग #नन्द गोपाल तो कोई लड्डू गोपाल कह रहे थे,,,। लोग उसे नहला रहे थे,,, फल मूरत के आगे रख उसे खिला रहे थे,,,।। अचानक मेरी नज़र भीड़ में छुपे एक मिट्टी के पुतले पर पड़ी,,,किन्तु यह क्या ?? वह पुतला बोलता भी था, खाने को माँग भी रहा था,,तो ,,लोग उसे धक्का दे ,,कोई डाँटकर,,कोई घुरकर भगाए जा रहा था,,, #अधूरी #शिकायत