... सावन की कलम पे ... नज़र की केद से आजाद करके तो देखो, हमे खुदसे जुदा एक बार करके तो देखो, कैसा मंज़र ओर कैसा समा होगा तुम्हारे आंगन का, हमारी तरह जरा इंतजार करके तो देखो, कभी दिल की धड़कनों को तुम भी महेसूस करो, कभी दिल को दिल के पास करके तो देखो, असर होगा तुम्हारे दिल पे भी मुहहोबत का, कभी चाहत से घर आबाद करके तो देखो, मुहहोबत तो मंजिल खुद ही पा लेगी, इजहार-ए-मुहहोबत तुम भी कभी करके तो देखो, ... सावन ... #सावन_की_कलम_से