सैर करने चल पड़े दिल के बड़े अरमान से, एक तरफ ख़ामोश जंगल एक तरफ समसान थे| पैर हड्डी पर पड़ा तो हड्डी के ये बयान थे, ऐ मुसाफिर ज़रा सम्भल कर चल हम भी कभी इंसान थे || 😎pikachu😎 रोहित तिवारी