हे भगवान कबूल करो ये नमन नन्हा सा दीप हूँ भोले स्वीकार करो ये भजन हे भगवान कबूल करो ये नमन तेरी महिमा अपार तेरा भक्तों से प्यार तेरा अद्भुत व्यवहार तेरा औघड़ विचार तू है पापियों का नाशी अच्छे कर्मों का तू जिज्ञासी फिर क्यूँ है ये उदासी कर दे दूर भोले अपशकुन स्वीकार करो ये भजन तेरा नन्हा सा दीप इसके बातों में गीत इसके तन मन में भोले कल्पित भजन में भोले तीनों लोकों के स्वामी तू तो है अन्तर्यामी भोले कैसी ये हानि क्यूँ भेजे यहाँ अभिमानी मेरी श्रद्धा का ये नमन तेरे कलयुग का ये ढंग इसकी रक्षा करो भगवन बचा लो भक्तों का ये चमन तेरे भक्तों की है ये इच्छा भोले लो ना यूँ परीक्षा दिखा तेरा भक्तों से प्यार भोले नयन खोलो एक बार हो जाये इस दुनियां का उद्धार। जय भोलेनाथ' 🙏 यह भजन मैंने 27,28/7/1995 को लिखा था। मैं शिवरात्रि में अपने गाँव में था।हमारे ग्रामीण परिवेश में भोलेनाथ के लोकगीत व भजन को 'महादेवी' कह कर सम्बोधित करते है।एक विशेष व्यवस्था के तहत महादेवी का आयोजन 24 घण्टे के लिए परिभाषित किया जाता है और पंचायत स्तर पर कीर्ति-वर्णन मण्डली को सूचित किया जाता है।समय सारणी बना कर एक महत्वपूर्ण योजना को प्रबन्ध आश्रित किया जाता है।आप जानते हैं,कीर्ति-वर्णन मण्डली के आवभगत में कोई कमी नहीं रखी जाती है।यह सारा आयोजन को अगर गुणी संगीत सयंत्र मिल जाये,तो और भी अच्छा हो जाये। #मशानी #dilserearchu #शैली आप सबों का 💟से 🙏