माजरा क्या था, कि उठ कर चले गये तुम मेरे शामियाने से, हम से दिल भर गया, या दिल लग गया जमाने से? जानिब , कश्ती डूबनी ही है मझधार में, गर रास्ता समंदर का है, वरना कहाँ डरता था मैं मौत आजमानें से।। #yourquote #minequote #thoughtsofheart #hearts_database #aksh #akshi #yourquotebaba