२ अक्टूबर १९०४ को मुगलसराय वाराणसी में मुंशी शारदा प्रसाद के घर अवतरण हुआ, भारत की भूमि पर माँ रामदुलारी के आँचल में, भारत के लाल का लालन-पालन हुआ। ऐसे अनमोल भारत के रत्न को, जरुर हम भारत वासियों ने अपने दिल से पुकारा होगा, चाँद सूरज तारे, ग्रह नक्षत्र सारे, आपके अनुपम अवतरण को जी भरके निहारा होगा। एक बार तो विधाता भी जरुर मायूस हुए होंगे, आपको अपने से दूर करने के बाद, जिस चित्रांश परिवार में आपने जन्म लिया, वहाँ क्या मनमोहक सा नज़ारा होगा। पत्नी ललिता संग परिणय सूत्र में बंधे, अठारह महीने प्रधानमंत्री की शोभा बढ़ाई, १९६५ के युद्ध में आपने अदम्य साहस दिखाकर, गद्दार पाकिस्तान को धूल चटाई। सोवियत रूस में ताशकंद समझौते के दौरान, आपने की अपनी ज़िन्दगी से रुसवाई, आपका नारा जय जवान जय किसान भारत में गूंजी, आपको नमन हम करते सिरनाई। प्रथम चरण (२ अक्टूबर प्रतियोगिता) लाल बहादुर शास्त्री जी को समर्पित काव्य सर्जन करें। ▪️पंक्ति बाध्यता: ४-१० #ProverbsWorld.in #yqdidi #yqbaba #pwcontest #PWchallenge #pwजयन्ती #PW2ndOctR1