The story is मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला, अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला! घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे, बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला! तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था, फिर उस के बा'द मुझे कोई अजनबी न मिला! ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने, बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला! बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी, वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला! मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला, अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला! घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे, बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला! तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था, फिर उस के बा'द मुझे कोई अजनबी न मिला! ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने, बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला!