कुफ़्र आज हमने एक दुनिया बेची और एक दीन ख़रीद लिया हमने कुफ़्र की बात की सपनों का एक थान बुना था एक गज़ कपड़ा फाड़ लिया और उम्र की चोली सी ली आज हमने आसमान के घड़े से बादल का एक ढकना उतारा और एक घूँट चाँदनी पी ली यह जो एक घड़ी हमने मौत से उधार ली है गीतों से इसका दाम चुका देंगे - अमृता प्रीतम Happy 101 birthday अमृता प्रीतम जी #Nojoto #lawyerbhati