थोडी़ सी जगह है क्या , मैं लोटके आया हूं जो रस्मे वफा की ना थी , वह तोड़के आया हूं हा है ना मेरी मोहबत की कहानी , देके दगा तुझे ओरो की मानी , फिर भी यकिन किया तुम ने मैं चाहके भी भुलु ना यह बात पुरानी मेरे सफर की राहे सारी मैं तेरी तरफ ही मोड़के आया हूं थोडी़ सी जगह ............. तोड़के आया हूं तलब तुझे भी तो होगी मेरी या मैं ही नशे में चुर हुआ यह चाहत थी एक चाहत की जिससे कभी मैं दुर हुआ हक है तेरा की है तेरा केरापा करदु ऐला मैं - मैं हो आया हूं थोडी़ सी जगह ............. तोड़के आया हूं गीतकार ✒️ सुनसा “ केरापा ” थोडी़ सी जगह है क्या , मैं लोटके आया हूं जो रस्मे वफा की ना थी , वह तोड़के आया हूं हा है ना मेरी मोहबत की कहानी , देके दगा तुझे ओरो की मानी , फिर भी यकिन किया तुम ने मैं चाहके भी भुलु ना यह बात पुरानी