बड़ी हिम्मत से तेरे इल्जा़मात सहेंगे पर आहिस्ता आहिस्ता, नफ़रत से भी तेरे मोहब्बत करेंगे पर आहिस्ता आहिस्ता, मुमकिन है फ़ुर्क़त-ए-गम में दूनिया छोड़ दूं... रूख़्सत-ए-दूनिया में भी तेरा पिछा मेरे सवालात करेंगे पर आहिस्ता आहिस्ता।