वो हरा भरा व्रक्ष था सबको छांव देता था कुछ लोगों को ये पसंद न था एक एक कर उसके पत्ते कुतरते गये वक़्त के साथ वो व्रक्ष मात्र टहनियों का डाॅचा रह गया अब व्रक्ष और वो लौग दोनौं बेकार हैं ।।। #ŞŠĶ_Śpěąķ§✍ #Inner_Voice