मेरे जहां मे कोई अंधेरा नहीं फिर भी कहीं सवेरा नहीं।। यूं तो रहने को छत बोहोत हैं फिर भी कहीं मेरा बसेरा नहीं।। विलासमय चीज़ों से भरा है जीवन मेरा पर लगे है मानों आनंद बथेरा नहीं।। सुख की शीतल हवाएं हैं बगिया मे मेरे पर हर फूल बोले है ये सुख मेरा नहीं अत्यंत दुखदायी जीवन व्यतीत कर रहा 'भारत' फिर भी कभी कहीं किया कोई खलेरा नहीं।। जीवन मेरा #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #GhazalPyaar #NojotoGhazal #Kalakaksh #Anthem