मंजिल दूर सही मगर अपनी सी लगती हैं ; राहें मुश्किल सही पर , कुछ घटती सी लगती है ! कदम बढ़ाने की देरी थी, ठोकरे अब आसान लगती हैं!! ✍️ #lifeonpaper