आज की नई सुबह ने ज़िन्दगी के किताब का एक नया पन्ना खोला है, मैने पलट के देखा कुछ पन्ना तो पाया कि मैंने बहुत कुछ खोया है, और पन्ना पलटा तो देखा कुछ और ही था मैं और आज अपने को कुछ और ही पाया है, फिर से आज के पन्ने को खोल के देखा मैंने पाया मेरी गलतीयो ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। न जाने कैसी साया है जिसने मुझे बहुत तड़पाया है।। और फिर मैं और इस किताब के पन्ने दोबारा पलट ही नहीं पाया।। ##fq.