माँ-बाप जब बोलते थे तो लगता था बिना वजह कुछ भी बोलते है शब्दों पर ध्यान नहीं जाता था शब्द चुभते थे पर , पर अब समझ आया वह शब्द नहीं अनमोल मोती थे 🎀 मोती जैसे शब्द 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-274) "आँखों की गहराई" को जीतने के लिए "मोती जैसे शब्द" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 🎀 4 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए।