श्री हरि-हर मिलन प्रसंग। ध्यानमग्न थे एक बार जब, शंकर जी कैलाश पर। हुआ आगमन नारद जी का, तत्क्षण उनके वास पर। पूरी कविता कैप्शन में पढ़ें। 🙏🙏🙏 श्री हरि-हर मिलन प्रसंग। ध्यानमग्न थे एक बार जब, शंकर जी कैलाश पर। हुआ आगमन नारद जी का, तत्क्षण उनके वास पर। पूछा गंगाधर ने- नारद! कहाँ आजकल घूम रहे। क्यों हो इतने भाव-विभोर, क्योंकर इतने झूम रहे। बोले नारद उमापति से, कर के उनका अभिवादन।