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श्री हरि-हर मिलन प्रसंग। ध्यानमग्न थे एक बार जब,

श्री हरि-हर मिलन प्रसंग।

ध्यानमग्न थे एक बार जब, शंकर जी कैलाश पर।
हुआ आगमन नारद जी का, तत्क्षण उनके वास पर।

पूरी कविता कैप्शन में पढ़ें।
🙏🙏🙏 श्री हरि-हर मिलन प्रसंग।

ध्यानमग्न थे एक बार जब, शंकर जी कैलाश पर।
हुआ आगमन नारद जी का, तत्क्षण उनके वास पर।
पूछा गंगाधर ने- नारद! कहाँ आजकल घूम रहे।
क्यों हो इतने भाव-विभोर, क्योंकर इतने झूम रहे।

बोले नारद उमापति से, कर के उनका अभिवादन।
श्री हरि-हर मिलन प्रसंग।

ध्यानमग्न थे एक बार जब, शंकर जी कैलाश पर।
हुआ आगमन नारद जी का, तत्क्षण उनके वास पर।

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🙏🙏🙏 श्री हरि-हर मिलन प्रसंग।

ध्यानमग्न थे एक बार जब, शंकर जी कैलाश पर।
हुआ आगमन नारद जी का, तत्क्षण उनके वास पर।
पूछा गंगाधर ने- नारद! कहाँ आजकल घूम रहे।
क्यों हो इतने भाव-विभोर, क्योंकर इतने झूम रहे।

बोले नारद उमापति से, कर के उनका अभिवादन।