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एक तुझ तक ही खुद को समेट लिया है, किसी ओर का होने

एक तुझ तक ही खुद को समेट लिया है, 
किसी ओर का होने की मैं सोच भी नहीं सकती।  ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
एक तुझ तक ही खुद को समेट लिया है, 
किसी ओर का होने की मैं सोच भी नहीं सकती।  ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

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manjusharma7790

Manju Sharma

New Creator