Nojoto: Largest Storytelling Platform

"ऊंचाईयाँ-गहराईयाँ" कैसे कोई सोच लेता है उतनी गहर

"ऊंचाईयाँ-गहराईयाँ"

कैसे कोई सोच लेता है
उतनी गहराई तक,
जितनी कि ऊंचाई।
कुछ तो बात है,
उनके अनुमान में
होती है सच्चाई।
ऊंचाई तक पहुंचने के लिए
गहराई का ज्ञान जरूरी है।
चढ़कर उतरना भी होगा,
ये अनुमान जरूरी है।

©@Vandana.Rawat"वन्दू"
  #उंचाईया़ँ_गहराईयाँ 
"ऊंचाईयाँ-गहराईयाँ"
#आत्म_मंथन #अनुभवज़िन्दगीका 
#mypoetry #mythoughts 
#Nojata #nojatahindi 
#nojotaquotes #nojotapoetry