नन्हें नन्हें पंखो से उड़ना अभी तो सीखा है गिरना अभी तो सीखा है सम्भलना अभी तो सीखा है फलक से ऊँची उड़ान का ख्वाब अभी बाकी है मुठठी भर होसला ही अभी तो काफ़ी है जिंदगी के चप्पू को हौले हौले चलाया है जीने का गुर तो अभी हमें आया है लहरों संग झूमने का ख्वाब भी सजाया है अधूरी पहचान की खोज में दीप दिल में जलाया है