काश तू मेरे हिस्से में होती अगर, दो जिस्म और एक जान होती मगर, तेरे हर एक बातिल न पहचाने हम, अगर पहचान जाते न रोते हम। जुदाई रही तेरे इंतजार में, तेरा सजदा किया हर इतवार में, तेरे इश्क़ में खुद को बेगाना किया, पहले पागल थे तो अब दीवाना किया, गलतफहमी बड़ी पाल रखे थे हम, तुझे पाएं और तेरे हो जाएं हम, तेरे हर एक बातिल न पहचाने हम, अगर पहचान जाते न रोते हम। खुद से ज्यादा हमने चाहा तुझे, आग दिल में लगी वो कैसे बुझे, एक दिन मिलोगी तो रो दोगी तुम, हाल अपना बताएंगे तुमको हम, एक तरफा इश्क़ करते है हम, राहें इश्क़ की क्या हैं न समझोगी तुम, तेरे हर एक बातिल न पहचाने हम, अगर पहचान जाते न रोते हम। इश्क़ जिस्मो से हम करते नही, अगर जिस्मो से करते तो वो इश्क़ नही, तुझको पाया नही साथ है तेरा गम, इश्क़ है जो तुमसे न होगा वो कम, मशवरा है मेरा याद करलो सभी, इश्क़ करना नही प्यार करलो सभी, याद तेरी दिल से मिटायेंगे हम, महफ़िल में तेरी न आएंगे हम, तेरे हर एक बातिल न पहचाने हम, अगर पहचान जाते न रोते हम। प्रेम गीत