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चमन में जो भी थे नाफ़िज़ उसूल उसके थे, तमाम काँटे ह

चमन में जो भी थे नाफ़िज़ उसूल उसके थे, 
तमाम काँटे हमारे थे और फूल उसके थे, 
मैं इल्तेज़ा भी करता तो किस तरह करता, 
शहर में फैसले सबको कबूल उसके थे।
*royal*😘👆🏻🏵💔 na na na
चमन में जो भी थे नाफ़िज़ उसूल उसके थे, 
तमाम काँटे हमारे थे और फूल उसके थे, 
मैं इल्तेज़ा भी करता तो किस तरह करता, 
शहर में फैसले सबको कबूल उसके थे।
*royal*😘👆🏻🏵💔 na na na
asshipandit0541

asshi pandit

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