मदिरा पीने की अभिलाषा ही बन जाए जब हाला, अधरों की आतुरता में ही जब आभासित हो प्याला, बने ध्यान ही करते-करते जब साकी साकार, सखे, रहे न हाला, प्याला, साकी, तुझे मिलेगी मधुशाला।। ~हरिवंश राय बच्चन . ©Saurabh Anand #रामधारी_सिंह_दिनकरहरिवंश#हरिवंशरायबच्चन#मानवकौल